इलेक्ट्रिक स्कूटर-बाइक को बढ़ावा देने से बच जाएगी इतने लाख करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा
टुवाड्र्स ए पॉलिसी फ्रेमवर्क, शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को परंपरागत ईंधन पर चलने वाले वाहनों (इंटरनल कंबसन इंजन) को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने में काफी लाभ होगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर
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भारत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को बढ़ावा देकर तेल आयात मद में खर्च होने वाले 1.2 लाख करोड़ रुपए विदेशी मुद्रा की बचत कर सकता है. नीति आयोग की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. जीरो एमिशन व्हीकल्स: टुवाड्र्स ए पॉलिसी फ्रेमवर्क, शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को परंपरागत ईंधन पर चलने वाले वाहनों (इंटरनल कंबसन इंजन) को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने में काफी लाभ होगा.
वैश्विक मोबिलिटी सम्मेलन ‘मूव’ के दौरान यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी गई. देश में 17 करोड़ दोपहिया वाहन हैं. अगर इसमें से प्रत्येक वाहन प्रतिदिन करीब आधा लीटर पेट्रोल खपत करता है, तो कुल मिलाकर करीब 34 अरब लीटर की खपत होती है.
रिपोर्ट के मुताबिक 70 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से इस पर करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये की लागत आती है. अब अगर यह मान लिया जाए कि आयातित कच्चे तेल की लागत, कर एवं अन्य खर्च को मिलकर यह 50 प्रतिशत बैठता है तो हम 1.2 लाख करोड़ रुपये मूल्य के आयातित तेल की बचत कर सकते हैं. इसमें कहा गया है कि इसे अगले पांच से सात साल में हासिल किया जा सकता है.
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रिपोर्ट के अनुसार लेकिन इसके लिए अनुसंधान के साथ नीति व्यवस्था की जरूरत होगी जो अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच को प्रोत्साहित कर सके. साथ ही भारतीय उद्योग की तरफ से इस संदर्भ में समन्वित प्रयास की आवश्यकता है.
07:14 PM IST